Puran Poli का स्वाद महाराष्ट्रिन स्टाइल मैं

पौराणिक भारतीय मिठाई

Puran Poli, एक पौराणिक भारतीय मिठाई है जो कई भागों में विभाजित की जाती है और विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से जानी जाती है। इसे महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, गोवा और तेलंगाना में अलग-अलग रूपों में बनाया जाता है।
Puran Poli


Puran Poli का तैयारी प्रक्रिया कुछ खास अद्भुत सामग्रियों का उपयोग करके की जाती है, जैसे कि चना दाल, गुड़, गेहूं का आटा, तिल, घी और मिठास बढ़ाने के लिए इलायची और सौंफ़।

इसकी प्रमुख विशेषता यह है कि यह एक मिठी रोटी की तरह दिखती है और इसमें दाल और गुड़ का मिश्रण भरा जाता है। पहले तैयार किए जाने वाले आटे में दाल और गुड़ का मिश्रण डाला जाता है, और फिर इसे बेलन से बेलकर रोटी की तरह बेला जाता है। इसके बाद, इसे गरम घी में सेंककर Puran Poli तैयार हो जाती है।

यह मिठाई विशेष अवसरों और त्योहारों पर बनती है और लोगों को एक साथ लाने का एक अच्छा मौका प्रदान करती है। इसका स्वाद बहुत ही मिठा और अद्भुत होता है जो लोगों को इसे खाने के लिए बहुत अच्छा बनाता है।

पुरण पोळी खाने से कई स्वास्थ्य लाभ, अनेक पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती है और विभिन्न आयुर्वेदिक गुणों से भी युक्त है। यहां कुछ फायदे हैं:

पौष्टिकता: Puran Poli में दाल, गुड़, तिल, और गेहूं का आटा होता है जो आपको अनेक पौष्टिक तत्वों की आपूर्ति करते हैं। इसमें प्रोटीन, फाइबर, मिनरल्स, और विटामिन्स होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।

ऊर्जा स्तर को बनाए रखना: इसमें मौजूद गुड़ एक सुपरफूड है जो तुरंत ऊर्जा प्रदान कर सकता है और थकान को कम कर सकता है।

अच्छा पाचन: Puran Poli में होने वाले तिल, सौंफ़ और गुड़ के गुण पाचन को सुधार सकते हैं और आपको अच्छी सेहत देने में मदद कर सकते हैं।

डायबिटीज कंट्रोल: गुड़ का उपयोग किया जाने वाला एकमात्र शर्करा में जिंक होता है, जिससे रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद हो सकती है और डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है।

मानसिक स्वास्थ्य: इसमें मौजूद गुड़ में स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले अनेक गुण होते हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं और मानव दिमाग को शांति और सुकून प्रदान कर सकते हैं।

आपके लिए कुछ रेसिपीज:_
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हालांकि, यह ध्यान देने वाला है कि Puran Poli को मात्रम एक हिस्सा अपने आहार का बनाएं और उसे अधिक मात्रा में न खाएं, क्योंकि यह मिठा हो सकता है और अत्यधिक मिठास का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

पुरण पोळी बनाने के लिए :_

सामग्री:

  • गेहूं का आटा - २५० ग्राम
  • चना दाल - १५० ग्राम
  • गुड़ (कटा हुआ) - १५० ग्राम
  • घी - २-३ टेबलस्पून
  • तिल - २ टेबलस्पून
  • इलायची पाउडर - १/२ छोटी चम्मच
  • सौंफ़ - १/२ छोटी चम्मच
  • पानी - आवश्यकतानुसार

कैसे बनाएं:

चना दाल पकाएं:
चना दाल को धोकर पानी में भिगोकर २-३ घंटे तक रखें।

एक पैन में चना दाल को धोकर पानी में भिगोकर २-३ घंटे तक रखें।
भिगोए गए चने को पानी के साथ हल्के आंच पर उबालें, और फिर धीमी आंच पर तकरीबन ३०-४० मिनट तक पकाएं, जब तक चना दाल मुलायम होकर पूरी तरह से पक नहीं जाता।
पकाए गए चने को चने के पानी के साथ चालन से अच्छे से चान लें।

पुरण तैयार करें:
गुड़, पानी के साथ मिलाकर उसे तकिये की चाशनी बनाएं


अब एक कढ़ाई में गुड़, पानी के साथ मिलाकर उसे तकिये की चाशनी बनाएं।
गुड़ की चाशनी बन जाए तो उसमें चना दाल, तिल, सौंफ़, और इलायची पाउडर डालें।
सभी सामग्रीयाँ अच्छे से मिलाएं और मिश्रण को ठंडा होने दें।

आटा तैयार करें:

एक बड़े बाउल में गेहूं का आटा लें और उसमें थोड़ा-थोड़ा करके घी डालें।
थोड़े-थोड़े पानी मिलाकर आटा गूंथें और एक बराबर और मुलायम आटा बनाएं।
गेहूं का आटा लें और उसमें थोड़ा-थोड़ा करके घी डालें

पुरण पोळी बनाएं:

अब आटे को छोटे-छोटे गोल बॉल्स में बनाएं।
हर गोल बॉल को छोटा सा पुरण का गोला बनाने के लिए बेलन की मदद से बेलें।
अब इस पुरण गोले को आटे के गोले में बांधकर पुरण पोळी बना लें।
एक पैन को गरम करें और उसमें घी डालें।
फिर इसमें बनाई गई पुरण पोळी को शीतल होने दें और दोनों तरफ से सुनहरा बना लें।

पुरण पोळी तैयार है! इसे गरमा गरम सर्व करें और दूध, घी या रबड़ी के साथ नमकीन मिठास में इसे आनंदित करें।

पुरण पोळी से जुड़े कुछ सामान्य प्रश्न (FAQs):

१. पुरण पोळी क्या है?
पुरण पोळी एक पौराणिक भारतीय मिठाई है जिसमें गेहूं का आटा और चना दाल का मिश्रण होता है, जिसे गुड़ और तिल के साथ मिलाकर बनाया जाता है।

२. पुरण पोळी कैसे बनती है?
पुरण पोळी बनाने के लिए, चना दाल को उबालकर मुलायम करना, गुड़ की चाशनी बनाना और फिर इसे गेहूं के आटे के साथ मिलाकर बेलन से गोले बनाना होता है। इन गोलों में पुरण डालकर पुनः गोले बनाएं और उन्हें बेलन से बेलकर रोटी की तरह बना लें। फिर इसे गरम घी में सेंककर पुरण पोळी तैयार हो जाती है।

३. पुरण पोळी का सर्विंग कैसे करें?
पुरण पोळी को गरमा गरम सर्व करें, ज्यादातर गुड़, घी या रबड़ी के साथ। यह मिठास और खास अद्भुत स्वाद प्रदान करती है।

४. पुरण पोळी किस त्योहारों पर बनती है?
पुरण पोळी भारतीय त्योहारों और विशेष अवसरों पर बनती है, जैसे होली, गुढ़ी पड़वा, दिवाळी, गणेश चतुर्थी और अन्य पौराणिक उत्सवों पर।

५. पुरण पोळी की आहार में क्या महत्व है?
पुरण पोळी में गेहूं का आटा, चना दाल, गुड़, और तिल होता है, जो पौष्टिक तत्वों का एक अच्छा स्रोत होता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स, और मिनरल्स होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।

६. पुरण पोळी को कैसे स्वर्ध बनाएं?
पुरण पोळी को स्वाद के अनुसार गुड़, घी, तिल और सौंफ़ की मात्रा में बढ़ाकर और घी में सेंककर स्वर्ध बना सकते हैं।

७. पुरण पोळी को कैसे रखें और खाएं?
पुरण पोळी को ठंडे स्थान पर रखें और उसे उबाले हुए दूध, घी या रबड़ी के साथ सर्व करें। यह ठंडे होने पर भी स्वादिष्ट रहती है।

८. पुरण पोळी का सेवन किन-किन लोगों के लिए अच्छा है?
पुरण पोळी को आमतौर पर सभी लोग खा सकते हैं, लेकिन डायबिटीज के रोगियों को मित्ती की मात्रा पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इसमें गुड़ होता है।

९. पुरण पोळी की शेल्फ लाइफ क्या है?
पुरण पोळी को ठंडे स्थान पर रखकर १-२ दिनों तक उसका आनंद लिया जा सकता है। लेकिन यह बहुत ही जल्दी कुचलने वाली मिठाई होती है, इसलिए ताजगी से सेवन करना बेहतर होता है।

१०. पुरण पोळी से संबंधित कोई सावधानियां हैं?
अधिक मात्रा में गुड़ का सेवन करने से शुगर के रोगियों को सावधानी बरतनी चाहिए। इसके अलावा, यदि किसी को गेहूं या चना दाल से एलर्जी हो, तो उन्हें भी इस से बचना चाहिए।

ये थे कुछ मुख्य प्रश्न और उत्तर जो Puran Poli के सेवन से संबंधित हैं। इस मिठाई को उचित मात्रा में और सावधानी से सेवन करना अच्छा रहता है ताकि स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके।


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